फिच ने भारत की जीडीपी ग्रोथ का अनुमान अगले वित्त वर्ष के लिए बढ़ाकर 7.3 फीसद और वित्त वर्ष 2019-20 के 7.5 फीसद रखा है। जानकारी के लिए बता दें कि इससे पहले वर्ल्ड बैंक ने भी भारत की जीडीपी के संबंध में अनुमान लगाया है। फिच ने अपने ग्लोबल इकोनॉमिक आउटलुक रिपोर्ट में इस वित्त वर्ष के लिए 6.5 फीसद की ग्रोथ का अनुमान लगाया है। वर्ष 2016-17 में अर्थव्यवस्था 7.1 फीसद की दर से बढ़ी थी।
फिच ने कहा है कि देश में नोटबंदी लागू होने के बाद से अब नकदी की आपूर्ति में सुधार देखने को मिल रहा है और इसमें लगातार रिकवरी देखने को मिल रही है। यह उस स्तर पर आ गया जो देश में नोटबंदी लागू होने से पहले था। साथ ही जीएसटी के क्रियान्वयन के बाद जो दिक्कतें सामने आ रही थी वे भी अब धीरे धीरे खत्म हो रही हैं।
सुधार के संकेत देते हुए, भारतीय अर्थव्यवस्था ने अक्टूबर से दिसंबर तिमाही में 7.2 फीसद की ग्रोथ दर्ज की जो कि पांच तिमाहियों में सबसे ज्यादा है। इस दौरान कृषि, निर्माण और विनिर्माण क्षेत्र में अच्छा प्रदर्शन देखने को मिला है।
FY19 में रफ्तार पकड़ेगी भारत की जीडीपी ग्रोथ: डेलॉयट
बुनियादी ढांचागत क्षेत्रों से जुड़े खर्चों में हुए इजाफे और ग्रामीण मांग में आया सुधार भारती की जीडीपी ग्रोथ को बढ़ाने वाले अहम कारकों में से एक होगा। यह जानकारी ब्रिटिन की एडवाइजरी फर्म डेलॉयट की ओर से सामने आई है। डेलॉयट वॉइस ऑफ एशिया नाम की यह रिपोर्ट बुधवार को जारी की गई है। इसमें कहा गया है कि कच्चे तेल की बढ़ती कीमतों और व्यापार के संदर्भ में बढ़ती संरक्षणवादी नीतियों के नकारात्मक पहलू के बावजूद भारतीय अर्थव्यवस्था अनुमान के मुताबिक तेज रफ्तार से आगे बढ़ेगी।
डेलॉयट की ओर से जारी किए गए बयान में कहा गया है कि घरेलू परिस्थितियों में आया सुधार ग्रोथ के लिहाज से एक सकारात्मक पहलू है और यह ग्रोथ को बढ़ा भी रहा है। साथ ही साल 2018 में इसके लगातार बढ़ते और इस रफ्तार के बने रहने की उम्मीद है। इसके साथ ही दुनिया में तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था का भारत का रुतबा बरकरार रहेगा।
orld Bank का अनुमान, दो से तीन वर्ष तक 7 फीसद के ऊपर रहेगी भारत की विकास दर
विश्व बैंक ने वित्त वर्ष 2018-19 के लिए भारत की जीडीपी ग्रोथ अनुमान 7.3 रखा है। वहीं इससे अगले वित्त वर्ष यानि कि 2019-20 के लिए यह अनुमान 7.5 फीसद का रखा है। विश्व बैंक की छमाही प्रकाशन जिसका नाम ‘इंडिया डेवेलप्मेंट अपडेट’ है उसमें उम्मीद जताई गई है कि 31 मार्च को खत्म होने वाले वित्त वर्ष में ग्रोथ रेट 6.7 फीसद रह सकती है।
रिपोर्ट में बताया गया है कि भारतीय अर्थव्यवस्था देश में लागू नोटबंदी और जीएसटी के असर के रिकवर हो सकती है। साथ ही ग्रोथ में धीरे-धीरे तय लक्ष्य के अनुरूप रिकवरी होनी चाहिए। सरकार का जीडीपी ग्रोथ अनुमान 7.5 फीसद का है।
Your email address will not be published. Required fields are marked *
© 2017 Big Chance News